
Rishtedar Matlabi Rishte Shayari: आज के समय में रिश्तेदारो को मतलबी बनाते समय नहीं लगता है। एक बहुत पुराने जमाने की कहावत में भी है, “घर का भेदी लंका डाहे।” इससे आप समझ सकते ही हो, दुनिया में किस प्रकार लोगों का विनाश तक हो जाता है। मतलबी रिश्ते का अर्थ है वैसे रिश्ते जहां अपना या पराया कुछ नहीं देखा जाता अर्थात सिर्फ अपने फायदे के लिए मतलबी लोग किसी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। चलिए देखते हैं सभी सुन्दर और बहुत खास शायरी को इस आर्टिकल में। मैं लेखक अभिमन्यु कुमार आप सभी स्वागत करता हूँ।
रिश्तेदार मतलबी रिश्ते शायरी

प्यार गहरी ना कर, धोखा भी गहरा ही मिलेगा। चाहत भले तेरे सच्ची हो, बदले में प्यार तो अपना फायदा देखकर ही तुझे मिलेगा।।
दुनिया मतलब से चलती है, यह समझना जरूरी हो गया है, वरना मौत तक का रास्ता पूरी हो गया है।।
यह वक़्त भी क्या चीज़ है, कभी अच्छा तो कभी बुरा समय लाता है। यह तो बस इसलिए होता है, क्योंकि वक़्त ही अपना और पराया का फर्क़ बताता है।।

इश्क किसे कहते हैं, किसी को मालूम हो तो बताओं। मतलबी होते हैं इस ज़माने के रिश्ते, अब इस बात को मैं किस किस को समझूँ।।
आसमान में तारे दिख रहे हैं, कोई थोड़ा कम तो कोई थोड़ा ज्यादा टिमटिमा रहे हैं। शायद ही कोई पहचान पाए धोखेबाजो को, सब तो अपना बन कर ही बैठे हैं।।
जिंदगी के दौर में बहुत कुछ बदलता गया, सब होता गया, मैं देखता गया, अपना बुरा वक़्त क्या आया, अपने भी अपने होने से मुकरता गया।।
Rishtedar Matlabi Rishte Shayari

जालिम ज़माना शायद कुछ नाम कर रहा, अपना बन लोगों ने अपनों को बदनाम कर रखा है। कौन समझे किसी को अपना, लोग अपना बना कर ही सबसे ज्यादा लोगों को लुटा है।।
जिंदगी में शाम हो गयी है, रिश्तेदारों के मतलबी हरकते से, मेरी खुशियां ही क्षण भर में तमाम हो गयी।।
खतरों से डर कम लगता है, रिश्तेदारों से हर वक़्त डर लगते रहता है।।
रिश्तेदार अब अपने कहलाने का योग्य नहीं रहे, हर बुरे मोड़ पर पराया होने का प्रूफ़ दे रहे हैं।। gjb yrr.. i love this 🙌👍